पत्रकारों के लिए मुख्यमंत्री से मांग

पत्रकारों का हक़ दबाना शोषण है,पत्रकारों का हक़ दीजिए/दिलाइये*


18-4-2020
*प्रतिष्ठा में,*                                          
*माननीय योगी आदित्यनाथ जी*
मुख्यमन्त्री
उत्तर प्रदेश,लखनऊ 


*विषय:-*
*पत्रकारों (कोरोना योद्धाओं) को "50 लाख रु० का रिस्क कवर बीमा" एवं समुचित "आर्थिक राहत पैकेज" दिया जाने के सम्बन्ध में :-*


*सम्मानित महोदय,*
COVID-19 आपदा काल मे आवश्यक सेवा प्रदाता- चिकित्साकर्मी,सुरक्षाकर्मी,सफाईकर्मी आदि की तरह  चौबीसों घण्टे "सूचना सेवा" कर रहा पत्रकार भी *कोरोना योद्धा* है।


श्रीमान जी *UNO संयुक्त राष्ट्र संघ* से सम्बद्ध :- "संयुक्त राष्ट्र- शैक्षिक-वैज्ञानिक-सांस्कृतिक संगठन" *UNESCO(यूनेस्को)* ने COVID-19 को लेकर भ्रमित सूचनाओं,अफवाहों  पर विराम लगाने तथा वास्तविकता से रूबरू कराने के लिए मीडिया को आवश्यक सेवा के तौर पर मान्यता व समर्थन देने का अनुरोध पूर्व में सभी राष्ट्रों से  किया था।


*पत्रकार भी आवश्यक सेवा के तहत* लगातार चौबीसों घण्टे 'सूचना सेवा' कर रहा है।इसके बावजूद भी पत्रकारों को आवश्यक सेवा कर्मियों की तरह 50 लाख रु०के 'रिस्क कवर बीमा' योजना में शामिल नही किया गया।


साथ ही यह भी स्मरणीय है कि *भारतीय संविधान के अनुच्छेद-39* में सभी राज्यों को ऐसी नीति बनाने का दायित्व दिया गया है जिसके तहत भौतिक संसाधनों का इस तरह से सर्वश्रेष्ठ वितरण हो जिसमे सभी का भला हो।


*COVID-19* आपदाकाल मे भौतिक संसाधनों के वितरण में राज्य सरकार द्वारा *संविधान के अनुच्छेद-39* की मूल भावना के विपरीत पत्रकारों को वंचित रखा गया है।


आपसे *विनम्र निवेदन* है कि COVID-19 आपदाकाल में आवश्यक सेवा कर्मी होने के कारण पत्रकारों को *50 लाख रु० का रिस्क कवर बीमा* तथा संविधान के अनुच्छेद-39 का समादर करते हुए श्रमिकों आदि को आर्थिक राहत पैकेज देने की तर्ज पर *पत्रकारो को भी समुचित आर्थिक राहत पैकेज  देने का कष्ट करें।*
आपकी अति कृपा होगी।         


*भवदीय*